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विजय आहूजा
खटीमा (उत्तराखण्ड): जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में खटीमा निवासी जवान वीरेंद्र सिंह राणा भी देश के लिए शहीद हो गए। तीन दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी काट कर वापस ड्यूटी पर लौटे वीरेंद्र की शहादत की खबर से उनके परिजनों सहित पूरे सीमान्त इलाके में शोक की लहर छा गई।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हाइवे पर चल रही सीआरपीएफ की कानबाई में हुए फिदायीन हमले में जंहा देश ने 42 जवानों को खो दिया, वही इस आतंकी हमले में उत्तराखण्ड के खटीमा निवासी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह राणा भी वीर गति को प्राप्त हुए है। शहीद वीरेंद्र खटीमा के मोहम्मद पुर भुडिया गांव के निवासी थे, जो कि तीन दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी काट के वापस अपनी ड्यूटी पर जम्मू कश्मीर लौटे थे।

सीआरपीएफ जवान की शहादत की खबर मिलते ही उनके घर मे कोहराम मच गया। खटीमा का पूरा सीमान्त इलाका इस खबर के बाद जंहा स्तब्ध है वही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छाई हुई है। शहीद के घर शोक जताने वालो का जमावड़ा लगा हुआ है। शहीद वीरेंद्र अपने पीछे पत्नी रेनू और पांच साल की लड़की व ढाई साल के लड़के को छोड़ गए है। वही तीन भाइयों में शहीद वीरेंद्र घर पर सबसे छोटे थे।बड़े भाई जय सिंह राणा भी जंहा सीआरपीएफ से रिटायर्ड हुए है, वही तीन भांजे व एक भतीजा सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे है। शहीद का पूरा गांव जंहा वीरेंद्र की शहादत से दुखी है वही उन्हें इस बात का भी फक्र है कि वीरेंद्र ने देश रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

सीआरपीएफ की 45 बटालियन के जवान वीरेंद्र सिंह राणा से पहले नवम्बर 2018 को खटीमा के ही सीआरपीएफ के जवान चंद्रिका प्रसाद की भी आतंकी हमले में जम्मू कश्मीर में शहादत हुई थी। साथ ही सीमान्त खटीमा की वीर धरती से अभी तक लगभग 36 वीर शहीदों ने देश रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का काम किया है। शहीद वीरेंद्र सिंह राणा को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।कांग्रेस की तरफ से पूर्व केबिनेट मंत्री तिलक राज बेहड़ ने श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आज श्रद्धांजलि देने खटीमा पहुंचेंगे।

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